Ishq e Maula Mein Ho Khoon Baar Kinaar e Daman Hamd Lyrics | Ala Hazrat Imam Ahmed Raza

Ishq e Maula Mein Ho Khoo Baar Kinaar e Daman Hamd Lyrics
Ishq e Maula Mein Ho Khoo Baar Kinaar e Daman Hamd Lyrics


Ishq e Maula Mein Ho Khoo Baar Kinaar e Daman Hamd Lyrics


इश्के मौला में हो खूंबार कनारे दामन
या खुदा जल्द कहीं आए बहारे दामन।

बह चली आंख भी अश्कों की तरह दामन पर
कि नहीं तारे नज़र जुज़ दो सेह तारे दामन।

अश्क बरसाऊं चले कूचए जानां से नसीम
या खुदा जल्द कहीं निकले बुखारे दामन।

दिल शुदों येह हुवा दामने अत्हर पे हुजूम
बे-दिल आबाद हुवा नामे दियारे दामन।

मुश्क सा जुल्फे शहो नूर फ़शां रूए हुजूर
अल्लाह अल्लाह ह-लबे जेबो ततारे दामन।

तुझ से ऐ गुल मैं सितम दीदए दश्ते हिरमां
खलिशे दिल की कहूं या गमे ख़ारे दामन।

अक्स अफ्गन है हिलाले लबे शह जेब नहीं
मेरे आरिज़ की शुआएं हैं न तारे दामन।

अश्क़ कहते हैं येह शैदाई की आंखें धो कर
ऐ अदब गर्दे नज़र हो न गुबारे दामन।

ऐ रज़ा आह वोह बुलबुल कि नज़र में जिस की
जल्वए जेबे गुल आए न बहारे दामन।

शायर: आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा ( रहमतुल्लाह तआला अलैह )

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