Rashke Qamar Hun Range Rukhe Aftab Hun Hamd Lyrics |
Rashke Qamar Hun Range Rukhe Aftab Hun Hamd Lyrics In Hindi
रश्के कमर हूं रंगे रूखे आफ़्ताब हूं
जर्रा तेरा जो ऐ शहे गदूं जनाब हूं।
दुर्रे नज़फ़ हूं गौहरे पाके खुशाब हूं
या'नी तुराबे रह गु-जरे बू तुराब हूं।
गर आंख हूं तो अब्र की चश्मे पुराआब हूं
दिल हूं तो बर्क का' दिले पुर इज़्तिराब हूं।
खूनीं जिगर हूं ताइरे बे आशियां शहा
रंगे परीदए रूखे गुल का जवाब हूं।
बे अस्लो बे सबात हूं बहरे करम मदद
परवर्दए कनारे सराबो हबाब हूं।
इब्रत फ़ज़ा है शर्मे गुनह से मेरा सुकूत
गोया लबे खामोशे लहद का जवाब हूं।
क्यूं नाला सोज़ ले करूं क्यूं ख़ूने दिल पियूं
सीखे कबाब हूं न मैं जामे शराब हूं।
दिल बस्ता बे करार, जिगर चाक, अश्कबार
गुन्चा हूं गुल हूं बर्के तपा हूं सहाब हूं।
दावा है सब से तेरी शफ़ाअत पे बेश्तर
दफ़्तर में आसियों के शहा इन्तिखाब हूं।
मौला दुहाई नज़रो से गिर कर ज़ला गुलाम
अश्के मुज़ह रसीदए चश्मे कबाब हूं।
मिट जाए येह खुदी तो वोह ज़ल्वा कहां नहीं
दर्दा में आप अपनी नज़र का हिज़ाब हूं।
सदक़े हूं उस पे नार से देगा जो मख्लसी
बुलबुल नहीं कि आतशे गुल पर कबाब हूं।
कालिब तही किये हमा आगोश है हिलाल
ऐ शह-सवारे तयबा ! मै तेरी रिकाब हूं।
क्या क्या हैं तुझ से नाज़ तेरे कस्र को कि मैं
का'बे की जान,अर्शे बरी का जवाब हूं।
शाहा बुझे सकर मेरे अश्कों से ता न मै
आबे अबस चकीदए चश्मे कबाब हूं।
मैं तो कहा ही चाहूं कि बन्दा हूं शाह का
पर लुत्फ़ जब है कह दें अगर वोह जनाब "हूं"।
हसरत में खाक बोसिये तयबा की ऐ रज़ा
टपका जो चश्मे मेहर से वोह ख़ूने नाब हूं।
शायर: आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा ( रहमतुल्लाह तआला अलैह )
नातख्वां: ओवैस रज़ा क़ादरी
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